Friday, May 11, 2012

अन्ना का जनआंदोलन उनकी टीम के भटकाव के लिए जिम्मेवार

अन्ना का जनआंदोलन उनकी टीम के भटकाव के लिए जिम्मेवार अन्ना हजारे ने जिस पवित्र ध्येय से काले धन व भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत की पवित्र भूमि से शंखनाद किया वह अब उनके द्वारा गठित टीम के सदस्यों की व्यक्तिगत थाथी बनती जा रही है। कारण सही है कि आज उनके साथ जो भी जुड़ रहे हैं वह उसे अपनी पब्लिसिटी का प्लेटफार्म बनाकर उसका इस्तेमाल कर रही है। चाहे बाबा रामदेव की बात हो या अन्य किसी के जुडऩे की। बाबा रामदेव से साझीदारी के मुद्दे पर अन्ना हजारे और उनके साथियों में मतभेद गहराते जा रहे हैं। इस मामले पर अरविंद केजरीवाल की लगातार बयानबाजी से नाराज अन्ना ने कहा है कि वे उनसे इस बारे में पूछताछ करेंगे। अन्ना और बाबा की साझीदारी को सही ठहराते हुए किरण बेदी ने एलान किया है कि वे रामदेव के धरने में शामिल होंगी। अन्ना ने एक बार फिर साफ कर दिया कि वे नहीं चाहते कि उनके और रामदेव के बीच कोई मनमुटाव की स्थिति पैदा होती दिखे। केजरीवाल के रामदेव संबंधी बयानों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'मैं उनसे इस बारे में पूछूंगा।Ó अन्ना के इस सख्त संकेत के बावजूद उनकी टीम के सदस्यों ने अपने सुर नहीं बदले। उनका कहना था कि बाबा रामदेव के साथ साझा कार्यक्रम नहीं करने का फैसला आंदोलन की कोर कमेटी में ही हो चुका है। ऐसे में जब भी पूछा जाएगा, तो वे इस बात को दोहराने के लिए मजबूर हैं। इन बयानबाजियों से लोकपाल आंदोलन की एक और प्रमुख सदस्य किरण बेदी ने भी पल्ला झाड़ लिया है। उन्होंने 'दैनिक जागरणÓ से बातचीत में रामदेव के साथ साझीदारी को लेकर किसी भी तरह के सवाल उठाए जाने को गलत बताया। साथ ही रामदेव के तीन जून के धरने में खुद के शामिल होने का एलान भी किया। किरण बेदी ने कहा, 'मुझे समझ नहीं आ रहा कि रामदेव को लेकर इस तरह के प्रश्न क्यों उठाए जा रहे हैं। जब लोकपाल के विरोध में सारे भ्रष्टाचारी एक हो जाते हैं तो भ्रष्टाचार विरोधी क्यों नहीं एकजुट हो सकते?Ó रामदेव के साथ साझा आंदोलन नहीं करने के कोर कमेटी के फैसले की याद दिलाए जाने पर उन्होंने कहा, 'ऐसा फैसला इसलिए किया गया क्योंकि अन्ना और बाबा के तरीके अलग हैं, प्लेटफार्म अलग हैं। संगठन अलग हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम उनकी मंशा पर ही सवाल उठाने लगें।Ó डॉ राजीव रंजन ठाकुर