Friday, December 21, 2012

शर्मसार मानवता झारखंड प्रांत के लोहरदगा जिले में दो संप्रदायों के प्रेमी युगल द्वारा प्रेम विवाह करने के प्रयासों से नाराज युवती के परिजनों ने जिस प्रकार दोनों को धोखे में रखकर मार डाला(हालांकि पीडि़त बच गई) वह अत्यंत शर्मनाक घटना है। हैवानियत की हद तो तब पार कर गई कि लड़की के पिता और मामा हत्या कराने के पहले युवती के साथ अन्यान्य लोगों द्वारा किए जा रहे दुष्कर्म के गवाह भी बने। दोनों ने मिलकर परंपरा, संस्कृति, सभ्यता और रिश्ते तक का कत्ल कराया। दिल्ली में एक युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म और उसके साथी युवक समेत उस पर शारीरिक अत्याचार की घटना पूरे देश की सुर्खियां बन जाती है। लेकिन महानगरों से इतर अन्य राज्यों,जिलों व कसबों में उससे भी अधिक हैवानियत भरी घटना पर समाज और शासन-प्रशासन का चरित्र बहुत तसल्ली नहीं देता। वैश्वीकरण के इस दौर में समाज में आ रहे खुलापन के बीच परंपरावादियों द्वारा ऑनर किलिंग की घटनाओं को अंजाम दिए जाने पर कठोर कार्रवाई की आवश्यकता बनी हुई है। कोर्ट कह चुका है कि अपराधी को उचित दंड देकर समाज की न्याय के लिए पुकार का जवाब दिया जाना चाहिए। कानून का उद्देश्य समाज की रक्षा और अपराधी को भयभीत कर अपराध करने से रोकना है। डाक्‍टर राजीव रंजन ठाकुर