मजबूत लोकपाल के लिए आंदोलनरत अन्ना हजारे की 16 अगस्त (मंगलवार) को गिरफ्तारी के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आक्रोश उभरा। अन्ना की तत्काल रिहाई की मांग को लेकर लोग सड़कों पर उतर आए। अन्ना के गृह प्रदेश महाराष्ट्र में विरोध ज्यादा पुरजोर रहा। बिहार, बंगाल, असम और उड़ीसा में 'इंडिया अगेंस्ट करप्शनÓ के बैनर तले विभिन्न स्थानों पर धरना देकर अन्ना की गिरफ्तारी का विरोध जताया गया। 'आइ एम अन्ना हजारेÓ या 'मी अन्ना हजारेÓ नारे लिखी गांधी टोपी लगाए अन्ना समर्थकों ने जगह-जगह रैलियां निकालीं। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत विभिन्न जिलों में भी अन्ना की गिरफ्तारी के विरोध में आंदोलन व विरोध-प्रदर्शन किया गया। बिहार के पटना, पूर्णिया, मुजफ्फरपुर और भागलपुर सहित अन्य जिलों में भी विरोध प्रदर्शन का सिलसिला चलता रहा। अभिनेता मनोज तिवारी ने भी समर्थकों के साथ विरोध व्यक्त किया। रोहतास में अन्ना समर्थकों ने ट्रेनें रोककर अपना गुस्सा प्रदर्शित किया। झारखंड की राजधानी रांची में प्रदर्शन कर रहे 55 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया। असम में लोगों ने काली पट्टियां बांधी। जम्मू में भी लोगों ने प्रदर्शन किया। अन्ना समर्थकों ने जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग के सतवारी चौक पर सड़क जाम कर दिया। मप्र के सभी शहरों में प्रदर्शन हुआ। दक्षिणी प्रांतों तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल में भी दिन भर प्रदर्शनों का दौर रहा। केरल में सामाजिक कार्यकर्ता, लेखक, कलाकार और यहां तक कि नौकरीपेशा लोग भी अन्ना के समर्थन में जुलूस और रैलियों में शिरकत करते नजर आए।
क्या यह विरोध-प्रदर्शन यह नहीं बताता है कि लोग भ्रष्टाचार के दलदल में फंसकर किस कदर तार-तार हो चुके हैं। लोग किसी न किसी रूप में इससे मुक्ति पाना चाहते हैं। लेकिन यह तभी संभव है जब कि लोग दिल से कसम खाऐंगे कि देश से इस कोढ़ को मिटाने के लिए तन-मन-धन से स्वयं को समर्पित करेंगे। घूस ना लेंगे ना देंगे। तभी अन्ना हजारे का यह पवित्र मुहिम सफल हो पाएगा अन्यथा यह केवल
कपोलकल्पित आन्दोलन ही बनकर रह जाऐगा।
डॉ राजीव रंजन ठाकुर
बहुत अच्छी पोस्ट .. आपके इस पोस्ट की चर्चा अन्ना हजारे स्पेशल इस वार्ता में भी हुई है .. असीम शुभकामनाएं !!
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