Monday, April 9, 2012

जियारत के बहाने भारत-पाक कूटनीति

अजमेर स्थित सूफी संत ख्‍वाजा मोइनुद़दीन चिश्‍ती की दरगाह पर जियारत के लिए एक दिवसीय भारत दौरे पर पहुंचे पाकिस्‍तान के राष्‍ट्रपति आसिफ अली जरदारी व उनके पुञ विलावल का प्रधानमंञी ने स्‍वागत किया। मौके पर भारत के प्रधानमंञी मनमोहन सिंह के साथ बैठक के दौरान जरदारी ने कहा कि इस मुकद़दस मुकाम पर आकर मुझे जो रुहानी खुशी महसुस हुई है वो नाकाबिले बयान है। अल्‍लाह ताला से दुआ है कि वो तमाम इंसानियत के लिए आसानियां पैदा करें। ख्‍वाजा मोइनुद़दीन चिश्‍ती की दरगाह पर जियारत के बाद उन्‍‍होंने दरगाह के विकास के लिए 10 लाख डालर की राशि देने का एलान किया।
भारतीय प्रधानमंञी द़वारा मुबई हमले के साजिशकर्ता सईद के खिलाफ कडे रूख के बावत जरदारी ‍ने इस मसले पर आगे और बातचीत की आवश्‍यकता की ओर इंगित किया। जरदारी ने जियारत के बहाने भारत से बंहतर संबंध और दोनों देशों के बीच सियाचीन सहित कई विवादास्‍पद मुद़दों के समाधान की आवश्‍यकता जताई।पाक राष्‍ट्रपति के दौरे से जाहिर हो रहा है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात में रिश्तों को नए आयाम देने की कोशिश की गई। निर्धारित कार्यक्रम को परे रखकर दिए गए साझा बयान में दोनों नेताओं ने संबंधों को सुधारने पर जोर दिया। वार्ता प्रक्रिया के जरिए पुरानी समस्याओं के व्यावहारिक नतीजे निकालने और संबंधों का नया मॉडल बनाने पर रजामंदी जताई।

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