धर्म के नाम पर ढ़ोंग
देखिए जब मस्तिष्क में भटकाव आएगा तो दुष्कर्म जैसी घटनाएं होंगी। इसके लिए कोई कौम जिम्मेदार नहीं है। सतानत संस्कृति में अष्टांगिक मार्ग के बारे में बताया गया है--यम,नियम,आसन,प्राणायाम,प्रत्याहार,योग,ध्यान और समाधि। इस पर गौर करे तो कहीं भी भौतिकवादिता का लेसमात्र भी नहीं मिलेगा। अगर संत हैं तो खुख,सुविधा क्यों। संतों की आभा ही झलकती है। ऐसे में हम ही मुर्ख हैं कि उनके बहकाबे में आकर सर्वस्व लुटा बैठते है। अब इन बाबाओं,मुल्लाओं व पादरियों के कारनामें दुनियां में उजागर हो चुके है। जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले के खानसाहिब में स्थित धार्मिक केंद्र में सेक्स करके लड़कियों का शुद्धिकरण करने वाले कश्मीरी मौलवी को गिरफ्तार किया गया है। इस केंद्र में धर्म से जुड़ी शिक्षा दी जाती है, वो भी सिर्फ लड़कियों को। 500 लड़कियों से भरे इस संस्थान में धर्म की आड़ में हवस का खेल पिछले करीब 4 साल से चलता रहा। असल में यहां का स्वयंभू बाबा सैय्यद गुलज़ार का जिस लड़की पर दिल आ जाता, वो उसे उच्च धार्मिक शिक्षा देने की बात करता और कहता, "उच्च कोटि की दीक्षा प्राप्त करने के लिये तुम्हें शुद्ध होना पड़ेगा।" जिस बाबा के प्रवचन हर रोज लाखों लोग टीवी चैनलों पर सुनते हों, जिनके अखबारों में विज्ञापन लगते हों और आये दिन शिविरों का आयोजन होते हों, उसके बहकावे में आना कितना आसान होगा, इसका अंदाजा आप लगा सकते हैं। शुद्धिकरण के नाम पर वो बाबा लड़कियों को कमरे में अकेले बुलाता और उन्हें निर्वस्त्र करता और लंबे समय तक फोरसेक्स करने के बाद उनके साथ बलात्कार करता। यह सब होता था हुज़रा-ए-पाक यानी उसके पर्सनल चैम्बर में। खास बात यह है कि इस बात का पता उसके संस्थान में सिर्फ उसे और उसकी एक असिस्टेंट शकीला बानो को था। असल में जब भी कोई लड़की पढ़ने आती, तो शकीला बानो उस लड़की की काउंसिलिंग करती और कहती कि अगर तुम्हें ज्ञान का असीम भंडार प्राप्त करना है, तो पीर साहब की सेवा करनी होगी। यहां पर 'पीर साहब' वही सैय्यद गुलजार है। इस बाबा के रैकेट का खुलासा तब हुआ जब उसी के एक शिष्य इम्तियाज अहमद सोफी ने उसे एक शिष्या से यौन संबंध स्थापित करते देख लिया। उसने तुरंत पुलिस को सूचना। पुलिस ने संस्थान पर दबिश मारी और सैय्यद को गिरफ्तार कर लिया। बडगाम के एसपी उत्तमचंद के अनुसार गुलजार के दो साथियों की अभी तलाश की जा रही है। साथ ही पीड़ित लड़कियों से बयान रिकॉर्ड किये गये हैं और कुछ के बयान अभी रिकॉर्ड किये जाने हैं।
वहीं आशाराम को भी इसी तरह के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया जबकि कुछ दिन पहले केरल में एक पादरी को भी गिरफ्तार किया गया। कुल मिलाकर देखा जाय तो साफ जाहिर है कि हर कौम में धर्म का चोला पहने ऐसे अनेक भेड़िये हैं जों भोली भाली जनता को पहले फंसाती है और बाद में उसका शारीरिक और मानसिक दोहन करती है।
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