Thursday, May 2, 2013

the death of sarabjit is diplomatic defeat

सरबजीत की मौत पर फूटा देश का गुस्सा सरबजीत को पाकिस्तान ने आखिर मौत की सजा दे ही दी। मानवीय आधार पर नरमी की अपीलों को दरकिनार कर पाक ने न तो उन्हें रिहा किया और न ही इलाज के लिए बाहर भेजने की जहमत उठाई। पाकिस्तान के इस रवैये पर भारत ने सख्ती दिखाते हुए इसे भारतीय नागरिक की हत्या करार दिया है। लाहौर की जेल में 26 अप्रैल को जानलेवा हमले के शिकार हुए सरबजीत की बुधवार देर रात जिन्ना अस्पताल में हुई मौत के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि इस अपराध के दोषियों को सजा मिलनी ही चाहिए। भारत ने संकेत दे दिए हैं कि मौजूदा हालात में पाक के साथ बातचीत की प्रक्रिया लडख़ड़ा चुकी है। एयर इंडिया के विशेष विमान से सरबजीत के शव को भारत लाने के इंतजामों के साथ ही प्रधानमंत्री ने परिजनों को 25 लाख रुपये की सांत्वना राशि देने का भी एलान किया। वहीं सरबजीत की मौत की खबर सुनकर देश के कई घरों में मातम सा माहौल है। किसी की मां बीमार पड़ गई है तो किसी की पत्नी के आंखों से आंसू नहीं थम रहे। कुछ बेसुध हो गए हैं तो बहुत से लोग ईश्वर की आराधना में जुट गए हैं। ये ऐसे परिवार हैं जिनका कोई न कोई पाकिस्तान की जेलों में बंद और परिजनों को अब उनकी सुरक्षा की चिंता सताने लगी है। जबकि इस मामले पर सरकार के स्तर पर नाराजगी जताई गई, तो संसद में भी सियासी दलों का गुस्सा फूटा। इस बीच, सरबजीत की मौत के बाद विदेश सचिव रंजन मथाई ने पाकिस्तानी समकक्ष जलील अब्बास जिलानी से भी घटनाक्रम पर बात की। सरबजीत के मेडिकल बुलेटिन पर भारत में भी लगातार निगरानी हो रही थी। लाहौर के जिन्ना अस्पताल में तैनात दो भारतीय राजनयिकों को सुबह व रात 10 बजे मिलने वाले मेडिकल बुलेटिन दिल्ली में भी चिकित्सकीय टीम के साथ साझा किए जा रहे थे। इसके आधार पर ही पाक के आगे सरबजीत को बेहतर इलाज के लिए भारत या अन्य किसी तीसरे देश में भेजने का भी प्रस्ताव रखा गया था। सरबजीत की मौत पर देशवासियों का गुस्सा फूट पड़ा। उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, पश्चिम बंगाल से लेकर जम्मू-कश्मीर तक लोग इसके विरोध में सड़कों पर उतर आए। पाकिस्तान का झंडा जलाया तो कैंिडल मार्च भी निकाला। प्रदर्शनकारियों ने लापरवाही बरतने पर पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। पंजाब में शुरू से ही सरबजीत की रिहाई की मांग कर रहे लोग सदमे में हैं। खैर जो भी हो एक उच्चस्तरीय रणनीत के तहत पाकिस्तान ने सरबजीत को मौत की नींद सुला दी जो भारतीय कूटनीति की सशक्त पराजय है।

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