रूद्र संहिता में कहा गया है -'ऊं तत्पुरूषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रूद्र प्रचोदयात्Ó।।
शिव को देवों का देव कहते हैं। इन्हें शंकर, भोलेनाथ, महादेव, महेश, रुद्र, नीलकंठ के नाम से भी जाना जाता है। भगवान भोलेनाथ भक्तों पर शीघ्र की प्रसन्न हो जाते हैं और उनकी हर मनोकामना पूर्ण करते हैं। शिव की पत्नी माता पार्वती हैं जो शक्ति के रूप में पूजी जाती हैं। इनके दो पुत्र कार्तिकेय और गणेश हैं तथा पुत्री अशोक सुंदरी हैं। शिव की पूजा शिवलिंग तथा मूर्ति दोनों रूपों में की जाती है। शिव के गले में नाग देवता विराजित हैं और हाथों में डमरू और त्रिशूल लिए हुए हैं। कैलाश पर्वत पर उनका वास है। सृष्टि की उत्पत्ति, स्थिति एवं संहार के अधिपति शिव हैं।
शिव पुराण के अनुसार कुछ ऐसे सरल उपाय हैं जिससे भगवान शंकर प्रसन्न होते हैं-
1. शिव को प्रसन्न करने के लिए डमरू बजाएं और बम बम भोले बम बम भोले कहने से शिव की कृपा मिलती है।
2. बिल्व पत्र व बिल्व फल चढाने से धन की प्राप्ति के साथ- साथ शिव को सरलता से प्रसन्न किया जा सकता है।
3. शिवरात्रि पर धतुरा, भांग और आक चढाने से भी भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और मनोकामना पूर्ण करते हैं।
4. शिवलिंग की स्थापना कर भगवान शिव की भक्तिभाव से पूजा करने से भी मनोवांक्षित फल प्राप्त होता है।
5. ज्ञान एवं विद्वत्ता की इच्छा वाले साधकों को स्फटिक के शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए।
6. गृहस्थ सुख चाहने वालों को पत्थर के शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए।
7. मुकद्दमों , युद्ध एवं प्रतियोगिताओं में सफलता के लिए अष्टधातु से बने शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए।
8.सर्व सुख चाहने वाले को सोने चांदी अथवा रत्नों से बने शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए।
9. पारे के शिवलिंग को सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। इसकी पूजा से जन्म मरण से मुक्ति मिलती है।
10.शिवपुराण का पाठ करने से शिव प्रसन्न हो कर अपने भक्तों को शुभ फल प्रदान करते हैं।
11. शिव को स्तुति प्रिय है। अत: स्तुतियों से भगवान शिव की आराधना करें। रुद्राष्टक, पंचाक्षर, मानस, द्वादश ज्योतिर्लिंग जैसे स्तोत्रों का पाठ करें।
इन आसान मंत्रों का भी प्रयोग कर भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करें
1.ऊॅंनम: शिवाय
2.प्रौं ह्रीं ठ:
3.ऊर्ध्व भू फट्
4.इं क्षं मं औं अं
5.नमो नीलकण्ठाय
6.ऊॅ पार्वतीपतये नम:
7.ऊॅ ह्रीं ह्रौं नम: शिवाय।
8.ऊॅ नमो भगवते दक्षिणामूर्त्तये मह्यं मेधा प्रयच्छ स्वाहा।
शिव को देवों का देव कहते हैं। इन्हें शंकर, भोलेनाथ, महादेव, महेश, रुद्र, नीलकंठ के नाम से भी जाना जाता है। भगवान भोलेनाथ भक्तों पर शीघ्र की प्रसन्न हो जाते हैं और उनकी हर मनोकामना पूर्ण करते हैं। शिव की पत्नी माता पार्वती हैं जो शक्ति के रूप में पूजी जाती हैं। इनके दो पुत्र कार्तिकेय और गणेश हैं तथा पुत्री अशोक सुंदरी हैं। शिव की पूजा शिवलिंग तथा मूर्ति दोनों रूपों में की जाती है। शिव के गले में नाग देवता विराजित हैं और हाथों में डमरू और त्रिशूल लिए हुए हैं। कैलाश पर्वत पर उनका वास है। सृष्टि की उत्पत्ति, स्थिति एवं संहार के अधिपति शिव हैं।
शिव पुराण के अनुसार कुछ ऐसे सरल उपाय हैं जिससे भगवान शंकर प्रसन्न होते हैं-
1. शिव को प्रसन्न करने के लिए डमरू बजाएं और बम बम भोले बम बम भोले कहने से शिव की कृपा मिलती है।
2. बिल्व पत्र व बिल्व फल चढाने से धन की प्राप्ति के साथ- साथ शिव को सरलता से प्रसन्न किया जा सकता है।
3. शिवरात्रि पर धतुरा, भांग और आक चढाने से भी भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और मनोकामना पूर्ण करते हैं।
4. शिवलिंग की स्थापना कर भगवान शिव की भक्तिभाव से पूजा करने से भी मनोवांक्षित फल प्राप्त होता है।
5. ज्ञान एवं विद्वत्ता की इच्छा वाले साधकों को स्फटिक के शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए।
6. गृहस्थ सुख चाहने वालों को पत्थर के शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए।
7. मुकद्दमों , युद्ध एवं प्रतियोगिताओं में सफलता के लिए अष्टधातु से बने शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए।
8.सर्व सुख चाहने वाले को सोने चांदी अथवा रत्नों से बने शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए।
9. पारे के शिवलिंग को सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। इसकी पूजा से जन्म मरण से मुक्ति मिलती है।
10.शिवपुराण का पाठ करने से शिव प्रसन्न हो कर अपने भक्तों को शुभ फल प्रदान करते हैं।
11. शिव को स्तुति प्रिय है। अत: स्तुतियों से भगवान शिव की आराधना करें। रुद्राष्टक, पंचाक्षर, मानस, द्वादश ज्योतिर्लिंग जैसे स्तोत्रों का पाठ करें।
इन आसान मंत्रों का भी प्रयोग कर भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करें
1.ऊॅंनम: शिवाय
2.प्रौं ह्रीं ठ:
3.ऊर्ध्व भू फट्
4.इं क्षं मं औं अं
5.नमो नीलकण्ठाय
6.ऊॅ पार्वतीपतये नम:
7.ऊॅ ह्रीं ह्रौं नम: शिवाय।
8.ऊॅ नमो भगवते दक्षिणामूर्त्तये मह्यं मेधा प्रयच्छ स्वाहा।
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