Friday, November 6, 2015

क्‍या होगा बिहार का चुनाव परिणाम

सिक्स करेगा फिक्स
घुंघट की आढ़ से दिलवर का दीदार करने वाली बिहार की आधी आबादी ने इस बार सारे मिथकों को तोड़ते हुए घुंघट को हटाकर लोकतंत्र रूपी दिलवर का दीदार किया और एक बार फिर मौन रहकर बड़े-बड़े महारथियों को चुनावी संग्राम का परिणाम जानने के लिए असमंजस के भंवर में फेक दिया।
हालांकि इस क्रम में उनकी जुबान महंगी रसोई, जंगलराज के दौरान का खौफनाक मंजर को कोसती नजर आयीं, वहीं सुशासन का सकुन भी उन्हें उद्वेलित करती रहीं। बावजूद उन्होंने अपनी आंतरिक शक्ति को जागृत कर लोकतंत्र के इस महापर्व में जमकर आहुति डाली। लेकिन पांचों चरण में हुए मतदान का चुनावी आंकड़ा बताता है कि उन्होंने आहुति किस देवता(पार्टी) के नाम से डाली यह किसी को पता नहीं।
आंकड़ों पर एक नजर--
                     पुरुष वोटर  महिला वोटर
प्रथम चरण       52.67       59.42
दूसरा चरण       55.28       55.65
तीसरा चरण     53.03        54.57
चौथा चरण       53.62       64.18
पांचवां चरण     56.05       59.48
इन चुनाव के मतों का प्रतिशत औसतन करीब 6 फीसद महिला मतदाताओं की मतदान में बढ़ी भागीदारी को बता रहा है। यह संख्या बड़े-बड़े दिग्गजों व राजनीतिक महापंडितों की गणना को गड़बड़ा रहा है। वे सौ फीसद यह बताने में अक्षम दिख रहे हैं कि ऊंट किस करवट बैठेगा। इतना ही नहीं, महिलाओं के वर्गीकरण के औसतों  का अनुपात यह संकेत भी दे रहा है कि चुनाव परिणाम में सुशासन के नुमाइंदों को घाटा नहीं होने जा रहा है।
यही वजह है कि सारे प्रत्याशी अपनों की बैठक में जीतते व गैरों की महिफल में हारते नजर आ रहे हैं। लेकिन मतदान बाद प्रत्याशियों की गतिविधि से साफ लगता है कि उम्मीदों की उत्तेजना उन्हें सोने नहीं दे रही है। आंखों से नींद जैसे गायब है। सबको अपने पक्ष में वोटरों के समर्थन की आस है।

डा. राजीव रंजन ठाकुर

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