इस कड़ी में तंत्र-मंत्र-यंत्र से जुड़े कुछ ज्ञानवर्धक बातें दी जी रही है जिसकी जानकारी साधक को अवश्य होनी चाहिए।
1--किस माला से किस देवी देवता का जाप करें:-
रूद्राक्ष की माला :- श्री गायत्री, श्री दुर्गा, शिव,गणेश व मां पार्वती।
तुलसी की माला :- श्री राम, श्री कृष्ण, सूर्यनारायण व विष्णु।
स्फटिक का माला :- श्री दुर्गा जी, श्री सरस्वती जी, गणेश।
सफेद चंदन की माला :-सभी देवी देवताओं के लिए।
लाल चंदन की माला :-श्री दुर्गा जी।
कमलागट्टे की माला :-श्री लक्ष्मी जी।
हल्दी की माला :- मां बंगलामुखी
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2--अनबुझ मुहूर्त :-
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, अक्षय तृतीया, दशहरा, दीपावली(सायं काल के बाद)। उपरोक्त मुहूर्तों को अनबूझ मुहूर्त कहा जाता है। इन मुहूर्तों में कोई भी काम शुरू करने से सफलता मिलती है।
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3--अशोक वृक्ष का महत्व:-
1.अशोक वृक्ष के नीचे जप- तप आदि करने से कार्य शीघ्र सफल होता है।
2.किसी विशेष कार्य के लिए जाते समय यदि अशोक वृक्ष का एक पत्ता तोड़कर अपने पास रखें तो कार्य सफल होगा।
3.अशोक वृक्ष के फूल को प्रतिदिन सिल पर पीसकर शहर मिलाकर लगातार खाने से भाग्य दोष और दरिद्रता दूर होती है।
4.इसके तीन पत्तों को प्रतिदिन सुबह खाली पेट चबाने से मानसिक तनाव दूर होता है।
5.अशोक वृक्ष के बीज को तांबे के ताबीज में डालकर गले में धारण करने से सभी प्रकार के लाभ होते है।
6. चैत्र शुक्त पक्ष अष्टमी का व्रत रखने तथा अशोक की आठ पत्तियों को खाने से स्त्री की संतान कामना पूत्र्ति होती है।
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5--किसी भी प्रकार के रोगों को झाडऩे का मंत्र :-
'ऊँं ऐं श्रीं हीं्र हीं्र स्फ्रें ख्फ्रें ह्सौं ह्स्फें ह्सौं ऊँ नमो हनुमते स्फोटकं क्षतज्वरमैकाहिकं द्वयहिकं चातुर्थिकं सन्ततज्वरं सान्निपातिकज्वरं भूतज्वरं मन्त्रज्वर-शूल-भगन्दर- मूत्रकृच्छ्र-कपालशूल-कर्णशूला-ऽक्षिशूलोदरशूल-हस्तशूल-पादशूलादीन सर्वव्याधीन् क्षणेन भिन्धि-भिन्धि छिन्दी छिन्दी नाशय नाशय निकृन्तय निकृन्तय छदेय छेदय भेदय भेदय महावीर हनुमान घे घे हीं्र हीं्र हूं हूं फट् स्वाहा।Ó
प्रयोग विधि :- शनिवार व मंगलवार के दिन श्रीहनुमान जी का ध्यान और प्रणाम कर कुशा या चाकू से दस मं- को पढ़ते हुए रोगी को झाडऩे से समस्त रोग समूल रूप से नष्ट हो जाते हैं।
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6--भूत-प्रेत आदि समस्त विघ्न बाधाओं को झाडऩे का मंत्र :-
'ऊँं ऐं श्रीं हीं्र हीं्र स्फ्रें ख्फ्रें ह्सौं ह्स्फें ह्सौं ऊँ नमो हनुमते महाबलपराक्रम मम परस्य च भूत-प्रेत-शिाच-शाकिनी-डाकिनी-यक्षिनी-पुतना-मारी-महामारी-कृत्या-यक्ष-राक्षस-भैरव-वेताल-ग्रह-ब्रहाग्रह-ब्रह्मराक्षसा-दिकजात-क्रूरबाधान क्षणेन हन हन जम्भय जम्भय निरासय निरासय वारय वारय बन्धय बन्धय नुद-नुद सूद-सूद धुनु धुनु मोचय मोचय मामेनं मामेनं च रक्ष रक्ष महामाहेश्वर रुद्रावतार हा्र हा्र हा्र हुं हुं घे घे घे हूं फट् स्वाहा।Ó
प्रयोग विधि :-श्री हनुमान जी का ध्यान कर भूत-प्रेत आदि बाधाग्रस्त रोगी पर उपर्युक्त मंत्र को पढ़ते हुए पीला सरसों का दाना फेकने से उपरोक्त सभी बाधाएं शीघ्र दूर हो जाती है।
1--किस माला से किस देवी देवता का जाप करें:-
रूद्राक्ष की माला :- श्री गायत्री, श्री दुर्गा, शिव,गणेश व मां पार्वती।
तुलसी की माला :- श्री राम, श्री कृष्ण, सूर्यनारायण व विष्णु।
स्फटिक का माला :- श्री दुर्गा जी, श्री सरस्वती जी, गणेश।
सफेद चंदन की माला :-सभी देवी देवताओं के लिए।
लाल चंदन की माला :-श्री दुर्गा जी।
कमलागट्टे की माला :-श्री लक्ष्मी जी।
हल्दी की माला :- मां बंगलामुखी
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2--अनबुझ मुहूर्त :-
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, अक्षय तृतीया, दशहरा, दीपावली(सायं काल के बाद)। उपरोक्त मुहूर्तों को अनबूझ मुहूर्त कहा जाता है। इन मुहूर्तों में कोई भी काम शुरू करने से सफलता मिलती है।
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3--अशोक वृक्ष का महत्व:-
1.अशोक वृक्ष के नीचे जप- तप आदि करने से कार्य शीघ्र सफल होता है।
2.किसी विशेष कार्य के लिए जाते समय यदि अशोक वृक्ष का एक पत्ता तोड़कर अपने पास रखें तो कार्य सफल होगा।
3.अशोक वृक्ष के फूल को प्रतिदिन सिल पर पीसकर शहर मिलाकर लगातार खाने से भाग्य दोष और दरिद्रता दूर होती है।
4.इसके तीन पत्तों को प्रतिदिन सुबह खाली पेट चबाने से मानसिक तनाव दूर होता है।
5.अशोक वृक्ष के बीज को तांबे के ताबीज में डालकर गले में धारण करने से सभी प्रकार के लाभ होते है।
6. चैत्र शुक्त पक्ष अष्टमी का व्रत रखने तथा अशोक की आठ पत्तियों को खाने से स्त्री की संतान कामना पूत्र्ति होती है।
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4--धन प्राप्ति के अचूक उपाय :-
1- शनिवार के दिन पीपल का एक पत्ता तोड़कर उसे गंगाजल से धोकर उसके ऊपर हल्दी तथा दही के घोल से अपने दाएं हाथ की अनामिका अंगुली से ह्रीं लिखें। इसके बाद इस पत्ते को धूप-दीप दिखाकर अपने बटुए में रखे लें। प्रत्येक शनिवार को पूजा के साथ वह पत्ता बदलते रहें। यह उपाय करने से आपका बटुआ कभी धन से खाली नहीं होगा। पुराना पत्ता किसी पवित्र स्थान पर ही रखें।
2- काली मिर्च के 5 दाने अपने सिर पर से 7 बार उतारकर 4 दाने चारों दिशाओं में फेंक दें तथा पांचवें दाने को आकाश की ओर उछाल दें। यह टोटका करने से आकस्मिक धन लाभ होगा।
3- अचानक धन प्राप्ति के लिए सोमवार के दिन श्मशान में स्थित महादेव मंदिर जाकर दूध में शुद्ध शहद मिलाकर चढ़ाएं।
4- अगर धन नहीं जुड़ रहा हो तो तिजोरी में लाल वस्त्र बिछाएं।
5- तिजोरी में गुंजा के बीज रखने से भी धन की प्राप्ति होती है।
6- जिस घर में प्रतिदिन श्रीसूक्त का पाठ होता है, वहां लक्ष्मी अवश्य निवास करती हैं।
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5--किसी भी प्रकार के रोगों को झाडऩे का मंत्र :-
'ऊँं ऐं श्रीं हीं्र हीं्र स्फ्रें ख्फ्रें ह्सौं ह्स्फें ह्सौं ऊँ नमो हनुमते स्फोटकं क्षतज्वरमैकाहिकं द्वयहिकं चातुर्थिकं सन्ततज्वरं सान्निपातिकज्वरं भूतज्वरं मन्त्रज्वर-शूल-भगन्दर- मूत्रकृच्छ्र-कपालशूल-कर्णशूला-ऽक्षिशूलोदरशूल-हस्तशूल-पादशूलादीन सर्वव्याधीन् क्षणेन भिन्धि-भिन्धि छिन्दी छिन्दी नाशय नाशय निकृन्तय निकृन्तय छदेय छेदय भेदय भेदय महावीर हनुमान घे घे हीं्र हीं्र हूं हूं फट् स्वाहा।Ó
प्रयोग विधि :- शनिवार व मंगलवार के दिन श्रीहनुमान जी का ध्यान और प्रणाम कर कुशा या चाकू से दस मं- को पढ़ते हुए रोगी को झाडऩे से समस्त रोग समूल रूप से नष्ट हो जाते हैं।
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6--भूत-प्रेत आदि समस्त विघ्न बाधाओं को झाडऩे का मंत्र :-
'ऊँं ऐं श्रीं हीं्र हीं्र स्फ्रें ख्फ्रें ह्सौं ह्स्फें ह्सौं ऊँ नमो हनुमते महाबलपराक्रम मम परस्य च भूत-प्रेत-शिाच-शाकिनी-डाकिनी-यक्षिनी-पुतना-मारी-महामारी-कृत्या-यक्ष-राक्षस-भैरव-वेताल-ग्रह-ब्रहाग्रह-ब्रह्मराक्षसा-दिकजात-क्रूरबाधान क्षणेन हन हन जम्भय जम्भय निरासय निरासय वारय वारय बन्धय बन्धय नुद-नुद सूद-सूद धुनु धुनु मोचय मोचय मामेनं मामेनं च रक्ष रक्ष महामाहेश्वर रुद्रावतार हा्र हा्र हा्र हुं हुं घे घे घे हूं फट् स्वाहा।Ó
प्रयोग विधि :-श्री हनुमान जी का ध्यान कर भूत-प्रेत आदि बाधाग्रस्त रोगी पर उपर्युक्त मंत्र को पढ़ते हुए पीला सरसों का दाना फेकने से उपरोक्त सभी बाधाएं शीघ्र दूर हो जाती है।
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